हिंदी नज़्म
रम से हम तक
रम को हम से अच्छा कोई नहीं जानता, हमको हमसे अच्छा कोई नहीं जानता।
आख़िरी दफ़ा
याद का क्या है, आते-आते जायेगी ये तुम्हारी आदत, जाते-जाते जायेगी
कच्चे रिश्ते
मिट्टी के बर्तन में दरार तो साफ़ दिखती है लेकिन वो आयी किस तरफ़ से … Read more
क्यूँ का जवाब
मोहब्बत में जब कोई बदल जाता है उसका सच भी झूठ में बदल जाता है … Read more
बिखरे ख़याल
तुमसे बात करने के बादएक रख दिया था खिड़की के पासकुछ को बुकशेल्फ़दो-चार को फ़्रिज … Read more