शे’र

तुम्हें क्या पता कि मुझे क्या-क्या नहीं लगता
तुम्हें इश्क़ करना अब इश्क़ जैसा नहीं लगता
ख़ुश बहुत हुए रक़ीब* की बातें करके मुझसे
लगता है मैं तुम्हें अब पहले जैसा नहीं लगता

*प्रेमिका का दूसरा प्रेमी

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