मसरूफ़ियत नवम्बर 9, 2012 by Chakreshhar Singh Surya इस एक दुनिया में,सैंकड़ों दुनिया हैं,सबकी अपनी-अपनी,और सब मगन हैं,अपनी-अपनी दुनिया में,जैसे तू, वैसे मैं भी… ये पोस्ट औरों को भेजिए - Share on Facebook Share on X (Twitter) Share on WhatsApp Share on Telegram Share on SMS