दुनिया में आये हो तो प्रेम होना स्वाभाविक है,
और आज के समय में किसी लड़की से प्रेम होना कोई बड़ी बात नहीं,
क्योंकि आजकल तो लड़कों को लड़के भी पसंद आने लगे हैं,
कारण कुछ भी हो सकता है,
खैर, जिस लड़की से प्रेम हुआ
वो रिश्ते में हो गई तुम्हारी गर्ल फ्रेंड,
जो आज तुम्हारी है,
कल किसी और की थी,
परसों किसी और की होगी,
और अंत में किसी और के गले हमेशा के लिए पड़ जायेगी,
इसलिए तू जिसे भी प्रेम कर, सिर्फ़ प्रेम कर,
दिल न लगा,
उसे घुमा-फिरा, खिला-पिला, खा-पी और खुश रह,
लेकिन व्यर्थ में हमेशा उसी से खुश रहने की कोशिश मत कर,
वो हमेशा तेरे पास रहने वाली नही है,
क्योंकि न वो टिक पाएगी,
और न तू उसको टिकने देगा,
किंतु गर्ल फ्रेंड नाम का रिश्ता अजर-अमर है,
इस रिश्ते की मृत्यु नही हो सकती,
तुम्हारी गर्ल फ्रेंड तुम्हे छोड़ कर गई, अच्छा हुआ…
आज अकेले हो, कोई बात नही…तुम्हारे लिए अच्छा है,
कुछ दिन का ब्रेक मिला है, खुदको आराम दो,
अब तुम सिंगल हो,
दूसरों के रिश्ते के लिए भय हो,
फिर भी,
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो,
जो किसी की नही हो सकी वो तुम्हारी क्या होगी?
जिससे तुम मिले यहीं पर मिले,
जिससे मिलोगे यही पर मिलोगे,
चिंता न करो,
गर्ल्स स्कूल और कॉलेज छूटने का समय हो रहा है,
अगर नहाया नही है, तो डिओ और परफ्यूम से नहाकर जाओ,
वो तुम्हारा इंतज़ार कर रही है,
वो कौन है, तुम्हे वही जाकर पता चलेगा,
हो सकता है, महिला पुलिस भी हो!
किंतु घबराओ मत,
अगर खाली हाथ लौट भी आओ तो कल दुबारा प्रयत्न करना,
तुम जिसे देख कर, अपना समझ कर मग्न हो रहे थे,
बस वही प्रसन्नता तुम्हारे दुःख का कारण है,
परिवर्तन माडर्न प्रेम का नियम है,
एक महीने से ज़्यादा एक ही गर्ल फ्रेंड के साथ घूमना,
मूर्खता है,
क्योंकि तुम प्रकृति के नियम का उलंघ्घन कर रहे हो,
किसी और की गर्ल फ्रेंड तुम्हारा इंतज़ार कर रही है,
और तुम्हारी वाली तुमसे बोर हो चुकी है,
उसे आजाद करो,
चौबीस घंटे में तुम सिंगल हो जाते हो,
अड़तालीस घंटे में कमिटेड हो जाते हो,
यही जीवन है,
न तुम खुदके हो, न वो तुम्हारी है,
एक दिन तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारी शादी कहीं और कर देंगे,
और उसकी भी शादी कहीं और हो जायेगी,
परन्तु इस रीत को तुम्हारी आने वाली पीढियां और तेज़ी से निभाएंगी,
तुम दिनों में मिलते – बिछड़ते हो,
वो मिनटों में गुल खिलाएँगी,
खैर भविष्य की छोड़ो,
बस अपना रोल निभाते चलो,
इसी में आनंद है…
और आज के समय में किसी लड़की से प्रेम होना कोई बड़ी बात नहीं,
क्योंकि आजकल तो लड़कों को लड़के भी पसंद आने लगे हैं,
कारण कुछ भी हो सकता है,
खैर, जिस लड़की से प्रेम हुआ
वो रिश्ते में हो गई तुम्हारी गर्ल फ्रेंड,
जो आज तुम्हारी है,
कल किसी और की थी,
परसों किसी और की होगी,
और अंत में किसी और के गले हमेशा के लिए पड़ जायेगी,
इसलिए तू जिसे भी प्रेम कर, सिर्फ़ प्रेम कर,
दिल न लगा,
उसे घुमा-फिरा, खिला-पिला, खा-पी और खुश रह,
लेकिन व्यर्थ में हमेशा उसी से खुश रहने की कोशिश मत कर,
वो हमेशा तेरे पास रहने वाली नही है,
क्योंकि न वो टिक पाएगी,
और न तू उसको टिकने देगा,
किंतु गर्ल फ्रेंड नाम का रिश्ता अजर-अमर है,
इस रिश्ते की मृत्यु नही हो सकती,
तुम्हारी गर्ल फ्रेंड तुम्हे छोड़ कर गई, अच्छा हुआ…
आज अकेले हो, कोई बात नही…तुम्हारे लिए अच्छा है,
कुछ दिन का ब्रेक मिला है, खुदको आराम दो,
अब तुम सिंगल हो,
दूसरों के रिश्ते के लिए भय हो,
फिर भी,
तुम्हारा क्या गया, जो तुम रोते हो,
जो किसी की नही हो सकी वो तुम्हारी क्या होगी?
जिससे तुम मिले यहीं पर मिले,
जिससे मिलोगे यही पर मिलोगे,
चिंता न करो,
गर्ल्स स्कूल और कॉलेज छूटने का समय हो रहा है,
अगर नहाया नही है, तो डिओ और परफ्यूम से नहाकर जाओ,
वो तुम्हारा इंतज़ार कर रही है,
वो कौन है, तुम्हे वही जाकर पता चलेगा,
हो सकता है, महिला पुलिस भी हो!
किंतु घबराओ मत,
अगर खाली हाथ लौट भी आओ तो कल दुबारा प्रयत्न करना,
तुम जिसे देख कर, अपना समझ कर मग्न हो रहे थे,
बस वही प्रसन्नता तुम्हारे दुःख का कारण है,
परिवर्तन माडर्न प्रेम का नियम है,
एक महीने से ज़्यादा एक ही गर्ल फ्रेंड के साथ घूमना,
मूर्खता है,
क्योंकि तुम प्रकृति के नियम का उलंघ्घन कर रहे हो,
किसी और की गर्ल फ्रेंड तुम्हारा इंतज़ार कर रही है,
और तुम्हारी वाली तुमसे बोर हो चुकी है,
उसे आजाद करो,
चौबीस घंटे में तुम सिंगल हो जाते हो,
अड़तालीस घंटे में कमिटेड हो जाते हो,
यही जीवन है,
न तुम खुदके हो, न वो तुम्हारी है,
एक दिन तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारी शादी कहीं और कर देंगे,
और उसकी भी शादी कहीं और हो जायेगी,
परन्तु इस रीत को तुम्हारी आने वाली पीढियां और तेज़ी से निभाएंगी,
तुम दिनों में मिलते – बिछड़ते हो,
वो मिनटों में गुल खिलाएँगी,
खैर भविष्य की छोड़ो,
बस अपना रोल निभाते चलो,
इसी में आनंद है…
(Copied from my other blog which I have written on 30-11-08)
कलि कलि के फूलने इंतज़ार न होगा अब जवां हुई रलियाँ,
दरियाफ्त थी दे लेता दाद कि तभी सिक्के ने रुख पलट लिया ..। ~ प्रदीप यादव ~