इस तरह चुप रहकर मेरी बेचैनी मत बढाओ..
चलो यही कह दो कि तुम मुझे भूल जाओ..
कुछ दिनों का मिलना-जुलना था, हो गया,
अब मैं अपने और तुम अपने रस्ते जाओ..
अब मैं अपने और तुम अपने रस्ते जाओ..
मैं मजबूर हूँ तुम्हें समझा नहीं सकती,
हो सके तो मेरी चुप्पी को ही समझ जाओ…
एक दिन में ही तुम्हारे बिन रहना सीख लिया,
हो सके तो तुम भी मेरे बिना रहना सीख जाओ…
हो सके तो मेरी चुप्पी को ही समझ जाओ…
एक दिन में ही तुम्हारे बिन रहना सीख लिया,
हो सके तो तुम भी मेरे बिना रहना सीख जाओ…