दिल पर हाथ रखकर बताना ज़रा
ये हज़ार-पाँच सौ का बंद करके
छोटी मछलियाँ तो फँसा लीं तुमने
उन 648 बड़ी मछलियों का क्या
जिनका अकाउंट स्विस में है
जो तुम्हारी पार्टी को डोनेशन देती हैं
जिनका लगभग हर मीडिया हाउस में भारी निवेश है
जिन्होंने महान और सिंगरौली के जंगल उजाड़ दिए हैं
ख़ैर
इसमें तुम्हारी कोई ग़लती नहीं है
भारत की जनता शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस से पीड़ित है
उसे कुछ भी ज़्यादा दिन तक याद नहीं रहता
न ही व्यापम में हुए हत्याओं का अर्द्धशतक
न ही छात्रवृत्ति में अरबों का घोटाला
न ही कोई और स्कैम
ये बेचारे जो आँख बंद कर लेते हैं
अपने मोहल्ले की सड़क पर गड्ढे देखकर
ये दूसरे स्टेट्स में होने वाले किसी अन्याय के लिए
ख़ाक आवाज़ उठाएँगे!
पेट्रोल के दाम तुम्हारे राज में भी वैसे ही हैं
जैसे दूसरे के राज में थे
बिजली का भी वही हाल है
ग़रीब उतना ही ग़रीब है जितना पहले था
फर्स्ट लेवल के अमीर और भी अमीर हो गए हैं
कहीं कुछ बदला है तो बस
शासन-प्रशासन की सीटों पर तशरीफ़
गाड़ियों पर बत्तियों के रंग
कुछ लोगों के घरों और बैंक बैलेंस का साइज़
और हाँ..पाँच सौ का नोट भी